- उज्जैन में 84 महादेव हैं।
- दूषण नामक राक्षस को वरदान था कि जहाँ उसका रक्त गिरेगा वहाँ वह 84 रूप धारण कर लेगा।
- शिव पुराण के अनुसार 84 महादेव शंकर भगवान की बहन थी श्री प्रिया अर्थात आज इसे क्षिप्रा नदी कहते हैं
- दूषण राक्षस को मारने के लिए शंकर भगवान ने कहा कि ,अगर श्री प्रिया जल के रूप में आए ,तो जैसे ही मैं राक्षस को मारूंगा तो इसका रक्त पानी में घुल जाएगा और इसका जन्म नहीं हो
- शिव ने दूषण का वध किया, लेकिन शिप्रा नदी के देर से आने के कारण राक्षस ने 84 रूप धारण कर लिए।
- शिप्रा ने शंकर पर जल की वर्षा की जिससे शंकर के 84 टुकड़े हो गए और दूषण के 84 रूपों का संहार हो गया।
- ये टुकड़े पूरी उज्जैन में महादेव के रूप में विद्यमान हैं।
- 1) श्री अगस्तेश्वर महादेव : हरसिध्दि मंदिर के पीछे संतोषी माता के मंदिर मे यात्रा यही से प्रारंभ होती है ,
- तथा अन्त मे पुनः श्री अगस्तेश्वर महादेव के दर्शन -पूजन के उपरांत संपूर्ण होती है